चला हूँ मुसाफ़िर,कश्ती में__हिस्सा एक डूब जाना भी अच्छा है__
डरता हूँ अश्क़-ए-ईशरत से__मेरा घबराना भी अच्छा है__
बेशक़ बेअदबी से पेश आ साहिल__तेरा नज़राना भी अच्छा है__
मैं पार पा लूँगा, डुबाकर खुद को__तेरा इतराना भी अच्छा है__
तेरा डर जाना भी अच्छा है__
डरता हूँ अश्क़-ए-ईशरत से__मेरा घबराना भी अच्छा है__
बेशक़ बेअदबी से पेश आ साहिल__तेरा नज़राना भी अच्छा है__
मैं पार पा लूँगा, डुबाकर खुद को__तेरा इतराना भी अच्छा है__
तेरा डर जाना भी अच्छा है__
©#Lines_By_Kw
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